18 मगर मैं पूछता हूँ, क्या उन्होंने संदेश नहीं सुना? बेशक सुना क्योंकि लिखा है, “संदेश सुनानेवालों की आवाज़ सारी धरती पर गूँज उठी और उनका संदेश धरती के कोने-कोने तक पहुँचा।”+
23 मगर इसके लिए ज़रूरी है कि तुम विश्वास में बने रहो,+ नींव पर कायम+ और मज़बूत रहो+ और उस खुशखबरी से मिलनेवाली आशा को न छोड़ो जो तुमने सुनी है और जिसका प्रचार पूरी दुनिया में किया जा चुका है।+ मैं पौलुस इस खुशखबरी का सेवक बना हूँ।+