43 उसने कहा, “तो फिर, क्यों दाविद पवित्र शक्ति से उभारे जाने पर+ उसे प्रभु पुकारता है और कहता है, 44 ‘यहोवा* ने मेरे प्रभु से कहा, “तू तब तक मेरे दाएँ हाथ बैठ, जब तक कि मैं तेरे दुश्मनों को तेरे पैरों तले न कर दूँ”’?+
36 दाविद ने पवित्र शक्ति से उभारे जाने पर+ खुद कहा था, ‘यहोवा* ने मेरे प्रभु से कहा, “तू तब तक मेरे दाएँ हाथ बैठ, जब तक कि मैं तेरे दुश्मनों को तेरे पैरों तले न कर दूँ।”’+
42 दाविद खुद भजनों की किताब में कहता है, ‘यहोवा* ने मेरे प्रभु से कहा, “तू तब तक मेरे दाएँ हाथ बैठ, 43 जब तक कि मैं तेरे दुश्मनों को तेरे पाँवों की चौकी न बना दूँ।”’+
34 दाविद स्वर्ग नहीं गया, मगर वह खुद कहता है, ‘यहोवा* ने मेरे प्रभु से कहा, “तू तब तक मेरे दाएँ हाथ बैठ, 35 जब तक कि मैं तेरे दुश्मनों को तेरे पाँवों की चौकी न बना दूँ।”’+
3 इस बेटे में परमेश्वर की महिमा झलकती है+ और वह परमेश्वर की हू-ब-हू छवि है।+ वह अपने शक्तिशाली वचन से सब चीज़ों को सँभालता है। और हमारे पापों को धोकर हमें शुद्ध करने के बाद+ वह ऊँचे पर महामहिम के दायीं तरफ जा बैठा है।+
12 मगर इस इंसान ने पापों के लिए एक ही बलिदान हमेशा के लिए चढ़ा दिया और परमेश्वर के दाएँ हाथ जा बैठा।+13 तब से वह उस वक्त का इंतज़ार कर रहा है जब उसके दुश्मनों को उसके पाँवों की चौकी बना दिया जाएगा।+