4 मैं ये सब याद करता हूँ, अपने दिल की सारी बातें बताता हूँ,
वह भी क्या दिन थे जब मैं उमड़ती भीड़ के साथ चलता था,
उसके आगे-आगे पूरी गंभीरता से चलता हुआ परमेश्वर के भवन की तरफ बढ़ता था,
हाँ, वह भीड़ जो कदरदानी के गीत गाती हुई,
जयजयकार करती हुई त्योहार मनाती थी।+