13 और मैंने स्वर्ग में, धरती पर, धरती के नीचे+ और समुंदर के ऊपर और इनमें मौजूद हर प्राणी को और इनमें जो कुछ था, उन सबको यह कहते सुना, “परमेश्वर जो राजगद्दी पर बैठा है उसका+ और मेम्ने का+ गुणगान हो और आदर,+ महिमा और शक्ति हमेशा-हमेशा के लिए उन्हीं की हो।”+