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  • भजन 139:17, 18
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 17 इसलिए तेरे विचार मेरे लिए क्या ही अनमोल हैं!+

      हे परमेश्‍वर, तेरे विचार अनगिनत हैं!+

      18 अगर मैं उन्हें गिनने की कोशिश करूँ, तो वे बालू के किनकों से ज़्यादा होंगे।+

      जब मैं जाग उठता हूँ, तब भी तेरे संग होता हूँ।*+

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