2 मगर योनातान दाविद को बहुत पसंद करता था+ इसलिए उसने दाविद को बताया, “मेरा पिता शाऊल तुझे मार डालना चाहता है। कल सुबह तू ज़रा बचकर रहना। किसी ऐसी जगह छिप जाना जहाँ तू नज़र न आए और वहीं रहना।
4 फिर योनातान ने अपने पिता शाऊल को दाविद के बारे में अच्छी बातें बतायीं।+ उसने शाऊल से कहा, “हे राजा, अपने सेवक दाविद के खिलाफ कोई पाप मत कर, क्योंकि उसने तेरे खिलाफ कोई पाप नहीं किया है बल्कि हमेशा तेरी भलाई के लिए ही काम किया है।