6 हे मेरे बेटे, अगर तूने किसी का कर्ज़ चुकाने का ज़िम्मा लिया है,+
अगर तूने किसी पराए से हाथ मिलाया है,+
2 अगर तू वचन देकर फँस गया है,
ज़बान देकर बँध गया है,+
3 तो हे मेरे बेटे, खुद को छुड़ाने के लिए ऐसा कर:
नम्र होकर उस आदमी के पास जा और उसके आगे गिड़गिड़ा,
क्योंकि तू उसके हाथ में पड़ चुका है।+