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सभोपदेशक 2:15, 16पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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15 मैंने मन-ही-मन कहा, “मूर्ख के साथ जो होता है वह मेरे साथ भी होगा।”+ तो फिर मैंने इतनी बुद्धि हासिल क्यों की? मैंने मन में कहा, “यह भी व्यर्थ है।” 16 क्योंकि न तो बुद्धिमान को याद रखा जाता है, न ही मूर्ख को।+ आखिर में सबको भुला दिया जाएगा। और बुद्धिमान का क्या अंजाम होगा? जैसे मूर्ख मरता है, वह भी मर जाएगा।+
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