-
उत्पत्ति 31:40, 41पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
-
-
40 मैंने तेरे झुंड की देखभाल करने में क्या-क्या नहीं सहा, दिन की चिलचिलाती धूप, रात की कड़ाके की ठंड और कभी-कभी तो मैं सारी रात जागता रहा।+ 41 इसी तरह तेरी सेवा में मेरे 20 साल गुज़र गए, 14 साल तेरी बेटियों के लिए, 6 साल तेरे इन जानवरों के लिए। और इस सबके बदले तूने मुझे क्या दिया? सिवा इसके कि तूने दस बार मेरी मज़दूरी बदली।+
-