भजन 115:4, 5 पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद 4 उनकी मूरतें सोने-चाँदी की बनी हैं,इंसान के हाथ की कारीगरी हैं।+ 5 उनका मुँह तो है पर वे बोल नहीं सकतीं,+आँखें हैं पर देख नहीं सकतीं,
4 उनकी मूरतें सोने-चाँदी की बनी हैं,इंसान के हाथ की कारीगरी हैं।+ 5 उनका मुँह तो है पर वे बोल नहीं सकतीं,+आँखें हैं पर देख नहीं सकतीं,