16 देखनेवाले तुझे घूर-घूरकर देखते हैं,
वे पास आकर तुझे देखते हैं और कहते हैं,
‘क्या यह वही आदमी है जिसके सामने पूरी धरती काँपती थी,
जिसके खौफ से राज्य थरथरा उठते थे?+
17 क्या यह वही है जिसने धरती को वीरान कर दिया,
उसके शहरों को ढा दिया+
और अपने कैदियों को रिहा नहीं किया?’+