2 इसलिए कि वह कहता है, “मंज़ूरी पाने के वक्त मैंने तेरी सुनी और उद्धार के दिन तेरी मदद की।”+ देखो! अभी खास तौर पर मंज़ूरी पाने का वक्त है। देखो! अभी उद्धार का वह दिन है।
7 जब मसीह इस धरती पर ज़िंदा था, तो उसने ऊँची आवाज़ में पुकार-पुकारकर और आँसू बहा-बहाकर परमेश्वर से मिन्नतें और बिनतियाँ की थीं+ जो उसे मौत से बचा सकता था। और उसकी सुनी गयी क्योंकि वह परमेश्वर का डर मानता था।