37 मैं तुमसे कहता हूँ, यह ज़रूरी है कि यह बात मुझ पर पूरी हो जो मेरे बारे में लिखी गयी थी: ‘वह अपराधियों में गिना गया।’+ अब यह बात मुझ पर पूरी हो रही है।”+
32 उसके साथ दो और आदमियों को, जो अपराधी थे मार डालने के लिए ले जाया जा रहा था।+33 जब वे खोपड़ी कहलानेवाली जगह पर पहुँचे,+ तो वहाँ उन्होंने यीशु को दो अपराधियों के साथ काठ पर ठोंक दिया। एक अपराधी उसके दायीं तरफ था और दूसरा बायीं तरफ।+