15 लेकिन अगर तुम अपने परमेश्वर यहोवा की सभी आज्ञाओं और विधियों को सख्ती से नहीं मानोगे जो आज मैं तुम्हें सुना रहा हूँ और इस तरह उसकी बात नहीं सुनोगे, तो ये सारे शाप तुम पर आ पड़ेंगे:+
62 भले ही आज तुम्हारी गिनती आसमान के तारों जैसी अनगिनत है,+ लेकिन अपने परमेश्वर यहोवा की बात न मानने की वजह से तुममें से सिर्फ मुट्ठी-भर लोग ही रह जाएँगे।+