3 “हे याकूब के घराने, हे इसराएल के घराने के बचे हुओ,+ मेरी सुनो!
मैं तुम्हें गर्भ से सँभाले हुए हूँ, तुम्हारे जन्म से तुम्हें उठाए हुए हूँ।+
4 तुम्हारे बुढ़ापे में भी मैं नहीं बदलूँगा,+
चाहे तुम्हारे बाल पक जाएँ मैं तुम्हें उठाए रहूँगा,
तुम्हें लिए फिरूँगा, तुम्हें सँभालूँगा और बचाऊँगा,
जैसा मैंने अब तक किया है।+