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  • 2 राजा 18:28-35
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 28 फिर रबशाके यहूदियों की भाषा में ज़ोर-ज़ोर से कहने लगा, “अश्‍शूर के राजाधिराज का संदेश सुनो,+ 29 ‘तुम लोग हिजकियाह की बातों में मत आओ, वह तुम्हें मेरे हाथ से नहीं छुड़ा सकता।+ 30 उसकी बात पर यकीन मत करो जो तुम्हें यहोवा पर भरोसा दिलाने के लिए कहता है, “यहोवा हमें ज़रूर बचाएगा और यह शहर अश्‍शूर के राजा के हाथ में नहीं किया जाएगा।”+ 31 तुम उसकी बात बिलकुल मत सुनना। अश्‍शूर के राजा ने कहा है, “तुम लोग मेरे साथ सुलह कर लो और अपने हथियार डाल दो,* तब तुममें से हर कोई अपने-अपने अंगूरों के बाग और अंजीर के पेड़ से खा सकेगा और अपने कुंड से पानी पी सकेगा। 32 फिर मैं आकर तुम्हें एक ऐसे देश में ले जाऊँगा जो तुम्हारे देश जैसा है।+ वहाँ अनाज, नयी दाख-मदिरा, रोटी और शहद की भरमार होगी और जगह-जगह अंगूरों के बाग और जैतून के पेड़ होंगे। तब तुम्हारी जान सलामत रहेगी, तुम्हें मौत का खतरा नहीं होगा। हिजकियाह की बात मत सुनो, वह यह कहकर तुम्हें गुमराह कर रहा है, ‘यहोवा हमें बचा लेगा।’ 33 क्या आज तक किसी राष्ट्र का देवता अपने देश को अश्‍शूर के राजा के हाथ से बचा पाया है? 34 हमात+ और अरपाद के देवता कहाँ गए? कहाँ गए सपरवैम,+ हेना और इव्वा के देवता? क्या वे सामरिया को मेरे हाथ से बचा सके?+ 35 क्या उनमें से एक भी देवता ऐसा है जो अपने देश को मेरे हाथ से बचा पाया हो? तो फिर यहोवा कैसे यरूशलेम को मेरे हाथ से बचा पाएगा?”’”+

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