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यिर्मयाह 44:12-14पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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12 और मैं यहूदा के उन बचे हुए लोगों को पकड़ूँगा जिन्होंने मिस्र जाकर बसने की ठान ली थी। वे सब मिस्र में नाश हो जाएँगे।+ वे तलवार और अकाल से मारे जाएँगे, छोटे-बड़े सब तलवार और अकाल से मारे जाएँगे। वे शापित ठहरेंगे, उनका ऐसा हश्र होगा कि देखनेवालों का दिल दहल जाएगा, उन्हें बददुआ दी जाएगी और उनकी बदनामी होगी।+ 13 मैं मिस्र में रहनेवालों को तलवार, अकाल और महामारी* से सज़ा दूँगा, ठीक जैसे मैंने यरूशलेम को सज़ा दी थी।+ 14 और यहूदा के जो बचे हुए लोग मिस्र में बसने गए हैं वे न बच पाएँगे और न ही यहूदा देश लौटने के लिए ज़िंदा रहेंगे। वे यहूदा लौटने और वहाँ बसने के लिए तरसेंगे, मगर नहीं लौटेंगे। सिर्फ चंद लोग ही बचेंगे और लौटेंगे।’”
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यिर्मयाह 44:27, 28पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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27 अब मैं उन पर नज़र रखे हुए हूँ, इसलिए नहीं कि उनके साथ भलाई करूँ बल्कि इसलिए कि उन पर विपत्ति ले आऊँ।+ मिस्र में रहनेवाले यहूदा के सब लोग तलवार और अकाल से तब तक नाश होते जाएँगे जब तक कि वे मिट न जाएँ।+ 28 सिर्फ कुछ ही लोग तलवार से बच जाएँगे और मिस्र से यहूदा लौट जाएँगे।+ तब यहूदा के बचे हुए सब लोग जो मिस्र में रहने गए थे, जान जाएँगे कि किसकी बात सच हुई, उनकी या मेरी!”’”
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