31 यहोवा ऐलान करता है, “उठो, उस राष्ट्र पर हमला करो
जो चैन से रह रहा है, महफूज़ बसा हुआ है!
उसके न दरवाज़े हैं न बेड़े, वे अलग-थलग रहते हैं।”
32 यहोवा ऐलान करता है, “उनके ऊँट लूट लिए जाएँगे,
उनके जानवरों के बड़े-बड़े झुंड लूट लिए जाएँगे।
जो लोग अपनी कलमें मुँड़ा लेते हैं,+
मैं उन्हें हर हवा में बिखरा दूँगा
और हर दिशा से उन पर मुसीबत ले आऊँगा।