7 जब भी मैं किसी राष्ट्र या राज्य के बारे में कहूँ कि मैं उसे जड़ से उखाड़ दूँगा, ढा दूँगा और नाश कर दूँगा,+8 तब अगर वह राष्ट्र अपनी दुष्टता छोड़ दे तो मैं अपनी सोच बदल दूँगा* और उस पर वह विपत्ति नहीं लाऊँगा जिसे लाने की मैंने ठानी थी।+
3 हो सकता है यहूदा के घराने के लोग उन सारी विपत्तियों के बारे में सुनकर, जो मैंने उन पर लाने की ठानी है, अपने बुरे रास्ते से पलटकर लौट आएँ और मैं उनका गुनाह और पाप माफ कर दूँ।”+