2 इसलिए सबसे पहले मैं तुमसे गुज़ारिश करता हूँ कि सब किस्म के लोगों के लिए मिन्नतें, प्रार्थनाएँ, बिनतियाँ और धन्यवाद की प्रार्थनाएँ की जाएँ। 2 राजाओं और उन सभी के लिए जो ऊँची पदवी रखते हैं,+ प्रार्थनाएँ की जाएँ ताकि हम पूरी गंभीरता से और परमेश्वर की भक्ति करते हुए चैन की ज़िंदगी जीएँ।+