66 तुम्हारी जान जोखिम में होगी, तुम रात-दिन खौफ के साए में जीओगे और तुम पर यह चिंता हावी रहेगी कि कल का दिन मैं देख पाऊँगा भी या नहीं। 67 तुम्हारे दिल में ऐसा डर बैठ जाएगा और तुम्हारी आँखों के सामने ऐसे हालात होंगे कि सुबह होने पर तुम कहोगे, ‘शाम कब होगी?’ और शाम होने पर कहोगे, ‘सुबह कब होगी?’