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यिर्मयाह 17:5, 6पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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5 यहोवा कहता है,
“शापित है वह इंसान* जो अदना इंसानों पर भरोसा करता है,+
जो इंसानी ताकत का सहारा लेता है,+
जिसका दिल यहोवा से दूर हो जाता है।
6 वह उस पेड़ की तरह बन जाएगा जो वीराने में अकेला खड़ा रहता है।
वह कभी भलाई नहीं देखेगा,
वह वीराने की सूखी जगहों में ही रहेगा,
नमकवाली जगह में, जहाँ कोई नहीं रह सकता।
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