3 तुम ऐसे काम न करना जैसे मिस्र के लोग करते हैं, जहाँ तुम पहले रहते थे और न ही तुम कनान के लोगों के जैसे काम करना, जहाँ मैं तुम्हें ले जा रहा हूँ।+ तुम उनकी विधियों पर मत चलना।
16 (तुम लोग अच्छी तरह जानते हो कि हमने मिस्र में कैसी ज़िंदगी बितायी थी और अपने सफर में हम किन-किन जातियों के बीच से गुज़रे थे।+17 तुम उन जातियों की घिनौनी चीज़ें देखते थे: लकड़ी, पत्थर और सोने-चाँदी से बनी घिनौनी मूरतें।*)+
14 इसलिए यहोवा से डरो, निर्दोष और विश्वासयोग्य बने रहकर* उसकी सेवा करो।+ उन देवताओं की मूरतों को निकाल फेंको जिनकी उपासना तुम्हारे बाप-दादा महानदी * के उस पार और मिस्र में करते थे।+ और यहोवा की उपासना करो।