27 उस दिन तू अपना मुँह खोलेगा और उस आदमी से बात करेगा। इसके बाद तू कभी चुप न रहेगा।+ तू उन लोगों के लिए एक चिन्ह ठहरेगा और उन्हें जानना होगा कि मैं यहोवा हूँ।”
22 जिस दिन सुबह वह आदमी मेरे पास आया था, उससे पहलेवाली शाम यहोवा का हाथ मुझ पर आया और उसने मेरा मुँह खोल दिया। तब मेरी ज़बान खुल गयी और मैं गूँगा न रहा।+