24 वे तलवार से मार डाले जाएँगे और उन्हें बंदी बनाकर सब राष्ट्रों में ले जाया जाएगा।+ और जब तक राष्ट्रों* के लिए तय किया गया वक्त पूरा न हो जाए, तब तक यरूशलेम राष्ट्रों* के पैरों तले रौंदा जाएगा।+
14 मगर औरत को बड़े उकाब के दो पंख+ दिए गए ताकि वह उड़कर वीराने में उस जगह चली जाए जो उसके लिए तैयार की गयी थी और वह साँप से दूर रहे+ और वहाँ एक काल, दो काल और आधे काल* के लिए उसे खिलाया-पिलाया जाए।+