8 उन्होंने कहा, “हम दोनों ने एक सपना देखा है मगर यहाँ उनका मतलब समझानेवाला कोई नहीं है।” यूसुफ ने उनसे कहा, “सपनों का मतलब सिर्फ परमेश्वर समझा सकता है।+ क्या मैं जान सकता हूँ, तुमने क्या सपना देखा?”
17 और सच्चे परमेश्वर ने इन चारों नौजवानों* को ज्ञान, बुद्धि और हर तरह के साहित्य के बारे में अंदरूनी समझ दी। उसने दानियेल को हर तरह के दर्शन और सपनों के बारे में समझ दी।+