34 “मैं अपने नाम की खातिर+ और अपने सेवक दाविद की खातिर+
इस शहर की रक्षा करूँगा, इसे बचाऊँगा।”’”+
35 फिर उसी रात यहोवा का स्वर्गदूत अश्शूरियों की छावनी में गया और उनके 1,85,000 सैनिकों को मार डाला।+ जब लोग सुबह तड़के उठे तो उन्होंने देखा कि चारों तरफ लाशें बिछी हैं।+