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प्रकाशितवाक्य 14:18-20पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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18 फिर एक और स्वर्गदूत वेदी में से निकला जिसे आग पर अधिकार मिला था। उसने बुलंद आवाज़ में उस स्वर्गदूत को पुकारा जिसके पास तेज़ हँसिया था और उससे कहा, “अपना हँसिया चला और पृथ्वी की अंगूर की बेल के गुच्छे इकट्ठे कर क्योंकि उसके अंगूर पक चुके हैं।”+ 19 और उस स्वर्गदूत ने पृथ्वी पर अपना हँसिया चलाया और पृथ्वी की अंगूर की बेल इकट्ठी की। उसने वह बेल, अंगूर रौंदने के उस बड़े हौद में फेंक दी जो परमेश्वर के क्रोध की निशानी है।+ 20 उस हौद को शहर के बाहर रौंदा गया और उसमें से जो खून निकला, वह घोड़ों की लगामों की ऊँचाई तक पहुँच गया और करीब 300 किलोमीटर* की दूरी तक फैल गया।
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