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सपन्याह 2:15पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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15 यह वही घमंडी नगरी है जो महफूज़ बैठा करती थी,
जो दिल में कहती थी, ‘मैं ही सबसे पहली हूँ, कोई मेरी बराबरी नहीं कर सकता।’
अब देखो, उसका ऐसा हश्र हुआ है कि देखनेवालों का दिल दहल जाता है,
वह जंगली जानवरों का अड्डा बन गयी है!
उसके पास से गुज़रनेवाला हर कोई मज़ाक उड़ाते हुए सीटी बजाएगा और मुट्ठी हिलाएगा।”+
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