22 जो काँटों के बीच बोया गया है, यह वह इंसान है जो वचन को सुनता तो है, मगर इस ज़माने* की ज़िंदगी की चिंता+ और धोखा देनेवाली पैसे की ताकत वचन को दबा देती है और वह फल नहीं देता।+
3 तुम्हारे सोने-चाँदी में ज़ंग लग गया है और उनका ज़ंग तुम्हारे खिलाफ गवाही देगा और तुम्हें खा जाएगा। तुमने जो बटोरा है वह आखिरी दिनों में आग जैसा होगा।+