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मरकुस 1:29-34पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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29 तब वे सभा-घर से निकलकर शमौन और अन्द्रियास के घर गए।+ याकूब और यूहन्ना भी उनके साथ थे। 30 शमौन की सास+ बीमार थी और बुखार में पड़ी थी। उन्होंने फौरन यीशु को उसके बारे में बताया। 31 यीशु उसके पास गया और उसने हाथ पकड़कर उसे उठाया। तब उसका बुखार उतर गया और वह उनकी सेवा करने लगी।
32 फिर शाम को जब सूरज ढल चुका था तब लोग उन सभी को जो बीमार थे और जिनमें दुष्ट स्वर्गदूत समाए थे, यीशु के पास लाने लगे।+ 33 यहाँ तक कि पूरा शहर उनके दरवाज़े पर जमा हो गया। 34 तब उसने ऐसे बहुत-से लोगों को ठीक किया जिन्हें तरह-तरह की बीमारियाँ थीं।+ उसने कई दुष्ट स्वर्गदूतों को भी निकाला मगर वह उन दुष्ट स्वर्गदूतों को बोलने नहीं देता था, क्योंकि वे जानते थे कि वह मसीह है।*
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लूका 4:38-41पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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38 सभा-घर से निकलने के बाद, यीशु शमौन के घर आया। शमौन की सास तेज़ बुखार से तप रही थी। उन्होंने यीशु से बिनती की कि वह उसके लिए कुछ करे।+ 39 इसलिए यीशु ने उसके पास खड़े होकर बुखार को डाँटा और उसका बुखार उतर गया। उसी पल वह उठ गयी और उनकी सेवा करने लगी।
40 लेकिन जब सूरज ढलने लगा, तब लोग अपने घर के उन सभी लोगों को उसके पास ले आए, जिन्हें तरह-तरह की बीमारियाँ थीं। उसने हरेक पर अपने हाथ रखकर उन्हें ठीक कर दिया।+ 41 यहाँ तक कि दुष्ट स्वर्गदूत भी यह चिल्लाते हुए बहुतों में से निकल जाते थे, “तू परमेश्वर का बेटा है।”+ मगर वह उन्हें डाँट देता और बोलने नहीं देता था,+ क्योंकि वे जानते थे कि वह मसीह है।+
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