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मरकुस 5:25-34पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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25 वहाँ एक ऐसी औरत थी जिसे 12 साल से खून बहने की बीमारी थी।+ 26 उसने कई वैद्यों से इलाज करवा-करवाकर बहुत दुख उठाया था और उसके पास जो कुछ था, वह सब खर्च करने के बाद भी वह ठीक नहीं हुई, उलटा उसकी हालत और ज़्यादा बिगड़ गयी थी। 27 जब उसने यीशु के बारे में चर्चा सुनी, तो वह भीड़ में उसके पीछे से आयी और उसके कपड़े को छुआ+ 28 क्योंकि वह कहती थी, “अगर मैं उसके कपड़े को ही छू लूँ, तो अच्छी हो जाऊँगी।”+ 29 उसी घड़ी उसका खून बहना बंद हो गया और उसने महसूस किया कि उसके शरीर की वह दर्दनाक बीमारी ठीक हो गयी है।
30 उसी घड़ी यीशु ने जान लिया कि उसके अंदर से शक्ति निकली है+ और उसने भीड़ में पीछे मुड़कर कहा, “मेरे कपड़ों को किसने छुआ?”+ 31 मगर चेलों ने कहा, “तू देख रहा है कि भीड़ तुझे कैसे दबाए जा रही है, फिर भी तू कह रहा है, ‘मुझे किसने छुआ?’” 32 लेकिन यीशु चारों तरफ देखने लगा कि किसने ऐसा किया है। 33 तब वह औरत, यह जानते हुए कि वह ठीक हो गयी है, डरती-काँपती हुई आयी और उसके आगे गिर पड़ी और उसे सबकुछ सच-सच बता दिया। 34 यीशु ने उससे कहा, “बेटी, तेरे विश्वास ने तुझे ठीक किया है। जा, अब और चिंता मत करना।+ यह दर्दनाक बीमारी तुझे फिर कभी न हो।”+
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लूका 8:43-48पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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43 वहाँ एक औरत थी जिसे 12 साल से खून बहने की बीमारी थी+ और वह किसी के भी इलाज से ठीक नहीं हो पायी थी।+ 44 उसने पीछे से आकर यीशु के कपड़े की झालर+ को छुआ और उसी घड़ी उसका खून बहना बंद हो गया। 45 तब यीशु ने कहा, “किसने मुझे छुआ?” जब सब इनकार करने लगे, तो पतरस ने कहा, “गुरु, भीड़ तुझे दबाए जा रही है और तुझ पर गिरे जा रही है।”+ 46 फिर भी यीशु ने कहा, “किसी ने मुझे छुआ है, क्योंकि मैं जानता हूँ कि मेरे अंदर से शक्ति+ निकली है।” 47 जब उस औरत ने देखा कि यीशु को पता चल गया है, तो वह काँपती हुई आयी और उसके आगे गिर पड़ी और उसने सब लोगों के सामने बता दिया कि उसने क्यों उसे छुआ और वह कैसे फौरन ठीक हो गयी। 48 तब यीशु ने उससे कहा, “बेटी, तेरे विश्वास ने तुझे ठीक किया है। जा, अब और चिंता मत करना।”+
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