16 तब पहला दास उसके सामने आया और कहने लगा, ‘मालिक, तूने मुझे एक मीना चाँदी के सिक्के दिए थे, उनसे मैंने दस मीना चाँदी के सिक्के कमाए हैं।’+ 17 तब मालिक ने उससे कहा, ‘शाबाश, अच्छे दास! तू एक छोटी-सी बात में भी भरोसेमंद साबित हुआ है, मैं तुझे दस शहरों का अधिकारी बनाता हूँ।’+