12 फिर मैंने उनसे कहा, “अगर तुम्हें ठीक लगे तो मुझे मेरी मज़दूरी दो, लेकिन अगर नहीं तो मत दो।” तब उन्होंने मुझे मज़दूरी में चाँदी के 30 टुकड़े तौलकर दिए।+
3 उसके साथ विश्वासघात करनेवाले यहूदा ने जब देखा कि यीशु को मौत की सज़ा दी गयी है, तो उसका दिल उसे कचोटने लगा। उसने प्रधान याजकों और मुखियाओं को चाँदी के वे 30 सिक्के लौटाते हुए+