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मत्ती 15:32-38पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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32 तब यीशु ने अपने चेलों को बुलाया और कहा, “मुझे इस भीड़ पर तरस आ रहा है+ क्योंकि इन्हें मेरे साथ रहते हुए तीन दिन बीत चुके हैं और इनके पास खाने को कुछ भी नहीं है। मैं इन्हें भूखा नहीं भेजना चाहता, कहीं वे रास्ते में ही पस्त न हो जाएँ।”+ 33 मगर चेलों ने उससे कहा, “यहाँ इस सुनसान जगह में हम इतनी रोटियाँ कहाँ से लाएँ कि यह बड़ी भीड़ भरपेट खा सके?”+ 34 यीशु ने उनसे पूछा, “तुम्हारे पास कितनी रोटियाँ हैं?” उन्होंने कहा, “सात। और कुछ छोटी मछलियाँ भी हैं।” 35 तब उसने भीड़ को ज़मीन पर आराम से बैठने के लिए कहा 36 और उन सात रोटियों और मछलियों को लेकर प्रार्थना में धन्यवाद दिया। फिर वह उन्हें तोड़कर चेलों को देने लगा और चेलों ने इन्हें भीड़ में बाँट दिया।+ 37 सब लोगों ने जी-भरकर खाया और बचे हुए टुकड़े इकट्ठे किए गए जिनसे सात बड़े टोकरे भर गए।+ 38 खानेवालों में करीब 4,000 आदमी थे, उनके अलावा औरतें और बच्चे भी थे।
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