29 अगर तेरी दायीं आँख तुझसे पाप करवा रही है,* तो उसे नोंचकर निकाल दे और दूर फेंक दे।+ अच्छा यही होगा कि तू अपना एक अंग गँवा दे, बजाय इसके कि तेरा पूरा शरीर गेहन्ना* में फेंक दिया जाए।+
9 अगर तेरी आँख तुझसे पाप करवाती है तो उसे नोंचकर निकाल दे और दूर फेंक दे। अच्छा यही होगा कि तू एक आँख के बिना जीवन पाए, बजाय इसके कि तू दोनों आँखों समेत गेहन्ना* की आग में फेंक दिया जाए।+