25 यह सुनकर चेलों को बड़ा ताज्जुब हुआ और वे कहने लगे, “तो भला कौन उद्धार पा सकता है?”+26 यीशु ने सीधे उनकी तरफ देखकर कहा, “इंसानों के लिए यह नामुमकिन है मगर परमेश्वर के लिए सबकुछ मुमकिन है।”+
26 जिन्होंने यह सुना, उन्होंने कहा, “तो भला कौन उद्धार पा सकता है?”+27 उसने कहा, “जो काम इंसानों के लिए नामुमकिन हैं, वे परमेश्वर के लिए मुमकिन हैं।”+