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मत्ती 21:33-41पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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33 एक और मिसाल सुनो: एक ज़मींदार ने अंगूरों का एक बाग लगाया+ और उसके चारों तरफ बाड़ा बाँधा। उसने बाग में अंगूर रौंदने का हौद खोदा और एक मीनार खड़ी की।+ फिर उसे बागबानों को ठेके पर देकर वह परदेस चला गया।+ 34 कटाई का मौसम आने पर उसने अपने दासों को बागबानों के पास भेजा कि वे फसल में से उसका हिस्सा ले आएँ। 35 मगर बागबानों ने उसके दासों को पकड़ लिया और एक को उन्होंने पीटा, दूसरे का खून कर दिया और तीसरे को पत्थरों से मार डाला।+ 36 मालिक ने कुछ और दासों को भेजा, जो गिनती में पहले से ज़्यादा थे। लेकिन बागबानों ने इनके साथ भी वैसा ही सलूक किया।+ 37 आखिर में उसने अपने बेटे को यह सोचकर उनके पास भेजा, ‘वे मेरे बेटे की ज़रूर इज़्ज़त करेंगे।’ 38 उसके बेटे को देखकर बागबानों ने आपस में कहा, ‘यह तो वारिस है।+ चलो इसे मार डालें और इसकी विरासत ले लें!’ 39 तब उन्होंने उसे पकड़ लिया और बाग के बाहर ले जाकर मार डाला।+ 40 इसलिए जब बाग का मालिक आएगा, तो वह उन बागबानों के साथ क्या करेगा?” 41 उन्होंने कहा, “वे दुष्ट हैं, इसलिए वह उनका भयानक तरीके से नाश करेगा और अपने बाग का ठेका दूसरे बागबानों को दे देगा, जो कटाई के बाद उसका हिस्सा उसे दिया करेंगे।”
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लूका 20:9-16पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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9 फिर वह लोगों को यह मिसाल देने लगा: “एक आदमी ने अंगूरों का बाग लगाया+ और उसे बागबानों को ठेके पर देकर लंबे समय के लिए परदेस चला गया।+ 10 कटाई का मौसम आने पर उसने एक दास को बागबानों के पास भेजा ताकि वे अंगूरों की फसल में से उसका हिस्सा उसे दें। मगर बागबानों ने उस दास को पीटा और खाली हाथ भेज दिया।+ 11 फिर उसने एक और दास को उनके पास भेजा। उन्होंने उसे भी पीटा, बेइज़्ज़त किया और खाली हाथ भेज दिया। 12 फिर भी उसने तीसरे को भेजा। उन्होंने उसे भी घायल करके भगा दिया। 13 तब बाग के मालिक ने कहा, ‘अब मैं क्या करूँ? मैं अपने प्यारे बेटे को भेजता हूँ,+ हो सकता है वे उसकी इज़्ज़त करें।’ 14 जैसे ही बागबानों ने उसके बेटे को देखा, वे आपस में कहने लगे, ‘यह तो वारिस है। चलो इसे मार डालें, तब इसकी विरासत हमारी हो जाएगी।’ 15 उन्होंने उसे बाग के बाहर ले जाकर मार डाला।+ अब बाग का मालिक उनके साथ क्या करेगा? 16 वह आकर उन बागबानों को मार डालेगा और अंगूरों का बाग दूसरों को ठेके पर दे देगा।”
यह सुनकर उन्होंने कहा, “ऐसा कभी न हो!”
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