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  • मत्ती 8:24-27
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 24 तब अचानक झील में ऐसी ज़ोरदार आँधी उठी कि लहरें नाव को ढकने लगीं मगर वह सो रहा था।+ 25 चेले उसके पास आए और यह कहकर उसे जगाने लगे, “प्रभु, हमें बचा, हम नाश होनेवाले हैं!” 26 मगर यीशु ने उनसे कहा, “अरे, कम विश्‍वास रखनेवालो, तुम क्यों इतना डर रहे हो?”*+ फिर उसने उठकर आँधी और लहरों को डाँटा और बड़ा सन्‍नाटा छा गया।+ 27 यह देखकर चेले हैरत में पड़ गए और कहने लगे, “आखिर यह आदमी कौन है कि आँधी और समुंदर तक इसका हुक्म मानते हैं?”

  • मरकुस 4:37-41
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 37 अब एक ज़ोरदार आँधी चलने लगी और लहरें नाव से इतनी ज़ोर से टकराने लगीं कि नाव पानी से भरने पर थी।+ 38 मगर यीशु नाव के पिछले हिस्से में एक तकिए पर सिर रखकर सो रहा था। चेलों ने उसे जगाया और कहा, “गुरु, क्या तुझे फिक्र नहीं कि हम नाश होनेवाले हैं?” 39 तब वह उठा और उसने आँधी को डाँटा और लहरों से कहा, “शश्‍श! खामोश हो जाओ!”+ तब आँधी थम गयी और बड़ा सन्‍नाटा छा गया। 40 यीशु ने उनसे कहा, “तुम क्यों इतना डर रहे हो?* क्या तुममें अब भी विश्‍वास नहीं?” 41 मगर उनमें अजीब-सा डर समा गया और वे एक-दूसरे से कहने लगे, “आखिर यह कौन है? आँधी और समुंदर तक इसका हुक्म मानते हैं!”+

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