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मत्ती 8:30-34पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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30 उनसे काफी दूरी पर सूअरों का एक बड़ा झुंड चर रहा था।+ 31 इसलिए दुष्ट स्वर्गदूत यीशु से बिनती करने लगे, “अगर तू हमें निकाल रहा है, तो हमें सूअरों के उस झुंड में भेज दे।”+ 32 तब यीशु ने उनसे कहा, “जाओ!” और वे उन आदमियों में से बाहर निकल गए और सूअरों में समा गए। और देखो! सूअरों का पूरा झुंड बड़ी तेज़ी से दौड़ा और पहाड़ की कगार से नीचे झील में जा गिरा और सारे सूअर मर गए। 33 मगर उन्हें चरानेवाले वहाँ से भाग गए और उन्होंने शहर में जाकर सारा किस्सा कह सुनाया और उन आदमियों के बारे में भी बताया, जिनमें दुष्ट स्वर्गदूत समाए थे। 34 तब देखो! सारा शहर निकलकर यीशु को देखने आया। जब उन्होंने उसे देखा, तो उससे बार-बार कहने लगे कि वह उनके इलाके से चला जाए।+
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मरकुस 5:11-17पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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11 उस पहाड़ पर सूअरों+ का एक बड़ा झुंड चर रहा था।+ 12 इसलिए दुष्ट स्वर्गदूतों ने उससे बिनती की, “हमें उन सूअरों में भेज दे ताकि हम उनमें समा जाएँ।” 13 उसने उन्हें जाने की इजाज़त दी। तब दुष्ट स्वर्गदूत उस आदमी में से बाहर निकल गए और उन सूअरों में समा गए और करीब 2,000 सूअरों का वह पूरा झुंड तेज़ी से दौड़ा और पहाड़ की कगार से नीचे झील में जा गिरा और सारे सूअर डूबकर मर गए। 14 मगर उन्हें चरानेवाले वहाँ से भाग गए और उन्होंने शहर और देहात में जाकर इसकी खबर दी। और लोग देखने आए कि वहाँ क्या हुआ था।+ 15 वे यीशु के पास आए और उन्होंने देखा कि वह आदमी जो दुष्ट स्वर्गदूत के कब्ज़े में था, वहाँ बैठा हुआ है। यह वही आदमी था जिसमें पहले पलटन समायी हुई थी। अब वह कपड़े पहने है और उसकी दिमागी हालत ठीक हो गयी है। और लोग बहुत डर गए। 16 जिन्होंने यह सब अपनी आँखों से देखा था, उन्होंने लोगों को बताया कि जो आदमी दुष्ट स्वर्गदूतों के कब्ज़े में था उसके साथ यह सब कैसे हुआ और सूअरों का क्या हाल हुआ। 17 इसलिए वे यीशु से बिनती करने लगे कि वह उनके इलाके से चला जाए।+
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