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मरकुस 9:19-27पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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19 यह सुनकर यीशु ने उनसे कहा, “हे अविश्वासी लोगो,*+ मैं और कब तक तुम्हारे साथ रहूँ? कब तक तुम्हारी सहूँ? लड़के को मेरे पास लाओ।”+ 20 वे उसे यीशु के पास ले आए। मगर जैसे ही उस दुष्ट स्वर्गदूत ने यीशु को देखा, उसने बच्चे को मरोड़ा और वह बच्चा ज़मीन पर गिर पड़ा और लोटने और झाग उगलने लगा। 21 तब यीशु ने लड़के के पिता से पूछा, “इसकी यह हालत कब से है?” उसने कहा, “बचपन से। 22 इसकी जान लेने के लिए इस दुष्ट दूत ने कई बार इसे आग में झोंका है, तो कई बार पानी में गिराया है। लेकिन अगर तू कुछ कर सके, तो हम पर तरस खा और हमारी मदद कर।” 23 यीशु ने उससे कहा, “तू यह क्यों कह रहा है, ‘अगर तू कुछ कर सके’? जिसमें विश्वास है, उसके लिए सबकुछ मुमकिन है।”+ 24 उसी वक्त उस बच्चे के पिता ने ऊँची आवाज़ में कहा, “मुझमें विश्वास है, लेकिन अगर मेरे विश्वास में कोई कमी है, तो मेरी मदद कर!”+
25 तभी यीशु ने देखा कि लोगों की एक भीड़ उनकी तरफ दौड़ी चली आ रही है, इसलिए उसने दुष्ट स्वर्गदूत को फटकारा और कहा, “हे गूँगे और बहरे दूत, मैं तुझे हुक्म देता हूँ, इसमें से बाहर निकल आ और आइंदा कभी इसमें मत जाना!”+ 26 तब वह दुष्ट दूत ज़ोर से चिल्लाया और लड़के को बहुत मरोड़ने के बाद उसमें से निकल गया। वह बच्चा मुरदा-सा हो गया और ज़्यादातर लोग कहने लगे, “यह तो मर गया है!” 27 लेकिन यीशु ने उसका हाथ पकड़कर उसे उठाया और वह खड़ा हो गया।
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