16 मगर सुखी हो तुम क्योंकि तुम्हारी आँखें देखती हैं और तुम्हारे कान सुनते हैं।+ 17 मैं तुमसे सच कहता हूँ, बहुत-से भविष्यवक्ताओं और नेक लोगों ने चाहा था कि वह सब देखें जो तुम देख रहे हो, मगर नहीं देख सके+ और वे बातें सुनें जो तुम सुन रहे हो, मगर नहीं सुन सके।