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  • मत्ती 19:16-22
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 16 और देखो! एक आदमी उसके पास आया और कहने लगा, “गुरु, हमेशा की ज़िंदगी पाने के लिए मैं कौन-सा अच्छा काम करूँ?”+ 17 यीशु ने उससे कहा, “तू मुझसे क्यों पूछता है कि अच्छा काम क्या है? सिर्फ एक ही है जो अच्छा है।+ लेकिन अगर तू ज़िंदगी पाना चाहता है, तो आज्ञाएँ मानता रह।”+ 18 उस आदमी ने पूछा, “कौन-सी आज्ञाएँ?” यीशु ने कहा, “यही कि तुम खून न करना,+ तुम व्यभिचार न करना,+ तुम चोरी न करना,+ तुम झूठी गवाही न देना,+ 19 अपने पिता और अपनी माँ का आदर करना+ और अपने पड़ोसी से वैसे ही प्यार करना जैसे तुम खुद से करते हो।”+ 20 उस नौजवान ने यीशु से कहा, “मैं ये सारी बातें मानता आया हूँ। बता कि मुझमें और क्या कमी है?” 21 यीशु ने उससे कहा, “अगर तू चाहता है कि तुझमें कोई कमी न हो,* तो जा और अपना सबकुछ बेचकर कंगालों को दे दे, क्योंकि तुझे स्वर्ग में खज़ाना मिलेगा+ और आकर मेरा चेला बन जा।”+ 22 जब उस नौजवान ने यह बात सुनी, तो वह दुखी होकर चला गया क्योंकि उसके पास बहुत धन-संपत्ति थी।+

  • मरकुस 10:17-22
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 17 जब वह निकलकर अपने रास्ते जा रहा था, तो एक आदमी दौड़कर आया और उसके सामने घुटनों के बल गिरा और उसने पूछा, “अच्छे गुरु, हमेशा की ज़िंदगी का वारिस बनने के लिए मुझे क्या करना चाहिए?”+ 18 यीशु ने उससे कहा, “तू मुझे अच्छा क्यों कहता है? कोई अच्छा नहीं है, सिवा परमेश्‍वर के।+ 19 तू तो आज्ञाएँ जानता है, ‘खून न करना,+ व्यभिचार न करना,+ चोरी न करना,+ झूठी गवाही न देना,+ किसी को न ठगना+ और अपने पिता और अपनी माँ का आदर करना।’”+ 20 उस आदमी ने कहा, “गुरु, ये सारी बातें तो मैं बचपन से मान रहा हूँ।” 21 यीशु ने प्यार से उसे देखा और कहा, “तुझमें एक चीज़ की कमी है: जा और जो कुछ तेरे पास है उसे बेचकर कंगालों को दे दे क्योंकि तुझे स्वर्ग में खज़ाना मिलेगा और आकर मेरा चेला बन जा।”+ 22 मगर इस बात पर वह उदास हो गया और दुखी होकर चला गया क्योंकि उसके पास बहुत धन-संपत्ति थी।+

  • लूका 10:25-28
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 25 इसके बाद, एक आदमी जो कानून का अच्छा जानकार था, यीशु की परीक्षा लेने के लिए खड़ा हुआ। उसने कहा, “गुरु, हमेशा की ज़िंदगी का वारिस बनने के लिए मुझे क्या करना चाहिए?”+ 26 यीशु ने कहा, “कानून में क्या लिखा है? तूने क्या पढ़ा है?” 27 उसने जवाब दिया, “‘तुम अपने परमेश्‍वर यहोवा* से अपने पूरे दिल, अपनी पूरी जान,* अपनी पूरी ताकत और अपने पूरे दिमाग से प्यार करना,’+ और ‘अपने पड़ोसी से वैसे ही प्यार करना जैसे तुम खुद से करते हो।’”+ 28 यीशु ने कहा, “तूने सही जवाब दिया। ऐसा ही करता रह और तू जीवन पाएगा।”+

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