46 वे एक ही मकसद के साथ हर दिन मंदिर में हाज़िर रहते और एक-दूसरे के घर जाकर खाना खाते और सच्चे दिल से और खुशी-खुशी मिल-बाँटकर खाते थे। 47 वे परमेश्वर की तारीफ करते और सब लोग उनसे खुश थे। यहोवा हर दिन ऐसे और भी लोगों को उनमें शामिल करता गया, जिन्हें वह उद्धार दिला रहा था।+