19 इसके बाद यीशु ने भीड़ को घास पर आराम से बैठ जाने के लिए कहा। फिर उसने पाँच रोटियाँ और दो मछलियाँ लीं और आकाश की तरफ देखकर प्रार्थना में धन्यवाद दिया।+ उसने रोटियाँ तोड़कर चेलों को दीं और चेलों ने उन्हें भीड़ में बाँट दिया।
34 फिर उसने आकाश की तरफ देखा और गहरी आह भरकर उससे कहा, “एफ्फतह,” जिसका मतलब है “खुल जा।” 35 तब उस आदमी की सुनने की शक्ति लौट आयी+ और उसकी ज़बान खुल गयी और वह साफ-साफ बोलने लगा।