7 क्योंकि शायद ही कोई किसी धर्मी इंसान के लिए अपनी जान दे। हाँ, हो सकता है कि एक अच्छे इंसान के लिए कोई अपनी जान देने की हिम्मत करे। 8 मगर परमेश्वर ने हमारे लिए अपने प्यार का सबूत इस तरह दिया कि जब हम पापी ही थे, तब मसीह हमारे लिए मरा।+
5इसलिए परमेश्वर के प्यारे बच्चों की तरह उसकी मिसाल पर चलो+2 और प्यार की राह पर चलते रहो,+ ठीक जैसे मसीह ने भी हमसे* प्यार किया+ और हमारी* खातिर परमेश्वर के सामने सुगंध देनेवाले चढ़ावे और बलिदान के तौर पर खुद को दे दिया।+
16 प्यार क्या है, यह हमने इस बात से जाना है कि यीशु मसीह ने हमारे लिए अपनी जान दे दी+ और हमारा फर्ज़ बनता है कि हम भी अपने भाइयों के लिए अपनी जान दे दें।+