11 यहोवा ने आकाश, धरती, समुंदर और जो कुछ उनमें है, सबको छ: दिनों में बनाया और सातवें दिन से वह विश्राम करने लगा।+ इसीलिए यहोवा ने सब्त के दिन पर आशीष दी और उसे पवित्र ठहराया।
6 तू ही यहोवा है!+ तूने आकाश, हाँ, ऊँचे-से-ऊँचा आकाश और उसकी पूरी सेना बनायी है। धरती और जो कुछ उस पर है, समुंदर और जो कुछ उसमें है, सबकुछ तूने रचा है। तू ही उनका जीवन कायम रखता है। आकाश की सेनाएँ तेरे आगे झुकती हैं।