32इस बीच जब लोगों ने देखा कि मूसा पहाड़ से नीचे आने में देर लगा रहा है,+ तो वे सब हारून के पास जमा हो गए और उससे कहने लगे, “पता नहीं उस मूसा का क्या हुआ, जो हमें मिस्र से निकालकर यहाँ ले आया था। इसलिए अब हमारी अगुवाई के लिए तू एक देवता बना दे।”+
23 वे मेरे पास आकर कहने लगे, ‘पता नहीं उस मूसा का क्या हुआ, जो हमें मिस्र से निकालकर यहाँ ले आया था। इसलिए अब हमारी अगुवाई के लिए तू एक देवता बना दे।’+