24 यीशु ने उनसे कहा, “तुम लोग यहाँ से जाओ, क्योंकि बच्ची मरी नहीं बल्कि सो रही है।”+ यह सुनकर वे उसकी खिल्ली उड़ाने लगे। 25 जैसे ही भीड़ को बाहर कर दिया गया, यीशु अंदर गया और उसने बच्ची का हाथ पकड़ा+ और वह उठ बैठी।+
14 तब उसने पास आकर अर्थी को छुआ और अर्थी उठानेवाले रुक गए। फिर उसने कहा, “हे जवान, मैं तुझसे कहता हूँ उठ!”+15 तब वह जवान जो मर गया था, उठ बैठा और बात करने लगा और यीशु ने उसे उसकी माँ को सौंप दिया।+
43 जब वह ये बातें कह चुका, तो उसने ज़ोर से पुकारा, “लाज़र, बाहर आ जा!”+44 तब वह जो मर चुका था बाहर निकल आया। उसके हाथ-पैर कफन की पट्टियों में लिपटे हुए थे और उसका चेहरा कपड़े से लिपटा हुआ था। यीशु ने उनसे कहा, “इसे खोल दो और जाने दो।”