18 उन्होंने प्रेषितों को पकड़* लिया और जेल में डाल दिया।+19 मगर रात को यहोवा* के स्वर्गदूत ने जेल के दरवाज़े खोल दिए+ और उन्हें बाहर लाकर उनसे कहा, 20 “जाओ और जाकर मंदिर में लोगों को जीवन* का संदेश सुनाते रहो।”
7 तभी अचानक यहोवा* का स्वर्गदूत वहाँ आ खड़ा हुआ+ और जेल की वह कोठरी रौशनी से जगमगा उठी। स्वर्गदूत ने पतरस का कंधा थपथपाकर उसे जगाया और कहा, “उठ, जल्दी कर!” तब उसके हाथों की ज़ंजीरें खुलकर गिर पड़ीं।+